Monday, May 19, 2014

गेहूं की कटाई


कंडबाड़ी गाँव में उड़ान बाल केन्द्र में तय हुआ कि आज बच्चे खेत में गेहूं काटने जायेंगे . बच्चों में शामली और निओ का जन्म अमेरिका में हुआ लेकिन इनके मम्मी पापा वहाँ की नौकरियां छोड़कर यहाँ गाँव के लोगों के साथ काम करने के लिए भारत के गाँव में आकर रह रहे हैं .हरिप्रिया के स्कूलों की छुट्टियाँ हैं . पड़ोस के नैण गाँव की शिवानी और उसका भाई अभिषेक सबके पक्के दोस्त हैं इसलिए सबने तय किया कि इनके खेत के गेहूं काटे जाएँ .


शिवानी और अभिषेक तीसरे पहर स्कूल से लौट कर आये .उसके बाद बच्चों की टोली गेहूं के खेत काटने चल पड़े . सबने धुप से बचने के लिए काऊ बॉय हैट लगा रखे थे क्योंकि सभी को ऐसा करने की हिदायत सयानों ने दे रखी थी .

इस टोली ने मिल कर खेत काटने शुरू किये . शुरू में कुछ बच्चों ने बालियाँ काफी ऊपर से काटनी शुरू करीं लेकिन फिर शिवानी ने समझाया कि गेहूं की ये नीचे का हिस्सा ही भूसा बनता है जिसे हमारी गाय खाती है , अगर हम गेहूं ऊपर से काटेंगे तो बहुत सा भूसा हमें नहीं मिलेगा . कुछ बच्चों ने कटे हुए गेहूं को बांधने का काम किया . दो घंटे में इस टोली ने एक खेत के गेहूं काट दिए .



बातचीत में पता चला कि शिवानी और अभिषेक के पिताजी के पास बैल नहीं हैं इसलिए शिवानी के पापा और ग्यारह साल के अभिषेक ने मिल कर पूरे खेत को कुदाल से खोदा है और गेहूं बोये हैं . आज वही गेहूं काटे गए हैं .

गेहूं काटने के बाद खेत की मेड पर लगे देसी संतरे जैसे खट्टे फलों को पेड़ हिला कर गिराया गया और शिवानी के घर से नमक लाकर सबने उन खट्टे फलों को मजे से खाया . रसभरी भी खाईं . इसके बाद सभी बच्चे बादाम , अखरोट और प्लम के पेड़ों पर चढ़ कर मजे करने लगे . 



शाम होने लगी थी सभी लोग नदी पार कर वापिस उड़ान बाल केन्द्र में लौट आये .

कल गेहूं की खेती की और भी बारीकियां सीखने के लिए गाँव में जाने की योजना है .

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